मेरे सपनों में तुम ही रहो
मेरे सपनों में तुम ही रहो
Blog Article
यह आशा है कि तुम्हें भी मेरे सपनों का थी। हर सुबह को मैं तुझे देखता हूँ, और यह जानकर मुझे {आनंद मिलता है। तुम ही मेरी रहस्य हो, और तुम्हारे बिना मैं थोड़ा कम हूँ।
जब सपने आते हैं हम मिलते हैं
जीवन की भागमभाग में हर व्यक्ति अपने आशाओं को लेकर जीता है। बहुत से सफल होते हैं और उनके सपने सच होते हैं। लेकिन कुछ लोगों के read more आशाएँ कमज़ोर पड़ जाती हैं।
ऐसे में सपनों का विश्व एक ऐसा दुनिया होता है जहाँ हम सभी मिलते हैं। यहाँ हमारे इच्छाएँ उड़ती हैं और हमें अंतरंगता महसूस होती है।
आँखों को ढककर सो जा प्यार
जैसे सुबह हो गई है, सूरज नजर आ रहा है. हवा घुम रही है. मेरी दिल थका हुआ है. आज कुछ अद्भुत था. जब मेरा हास्य देखूं तो जीवन.
- तुम
- भावना
तुम्हारी मुस्कान मैंका सितारा
यह दुनिया सिर्फ़ उज्जवल होती है जब तुम मुस्कुराती हो। आंखों में बसता है तुम्हारी मुस्कान का नूर, जो मुझे हमेशा उजाला देता है। हर दिन की मेरी जरूरत में ये मुस्कान एक स्तंभ बन जाती है।
अच्छी रात मेरे जान|
{आज का दिन|कल का दिन| खुशनुमा रहा। {तुमसे मिलकर|हमारा समय बिताकर| एक सुंदर सपना बन गया देगा।
- आपको| प्यार करता हूँ।
- {सोने से पहले|यह समय| {उम्मीद रखूं|मैं उम्मीद करता हूँ| कि हंसते होंगे।
{आज रात को//यह रात| प्यार के साथ ।
चंद्रमा भी शर्मिंदा हुआ तुझसे
कितनी सुन्दर है तम्|ये, ऐसा कि रात का तारा भी मना कर रहा है|। आंखों में कितनी {सुंदरता|चमक हैं?
अगर कोई महल तबयहाँ रहता है।
Report this page